ईशावास्योपनिषद
ISBN : 9789384684143
Release Year : 2014
Category : Pharmacy
Book Edition : (HB)
Author : 221
₹ ₹40.00
Shipment : Within Two Days
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पुस्तक के बारे में : उपनिषद् वेद के ज्ञानखण्ड हैं, अध्यात्मविद्या के अगाध कोष होने के कारण इन्हें पराविद्या नाम से अभिहित किया गया है | अध्यात्म के रहस्यों को गुरुजनों के पास बैठकर अध्ययन करना पड़ता था, इसलिये इन्हें उपनिषद् कहा गया | उपनिषद् वैदिक साहित्य के अंतिम भाग हैं, इसलिये इन्हें ' वेदान्त ' नाम दिया गया | " ईशावास्योपनिषद् " शुक्ल यजुर्वेदसंहिता का चालीसवाँ अध्याय है | यह उपनिषद यजुर्वेद की माध्यन्दिन और काण्व दोनों शाखाओं में प्राप्त होता है | माध्यन्दिन शाखा में सत्रह और काण्व शाखा में इसमें अट्ठारह मंत्र हैं | इस उपनिषद् का प्रारम्भ " ईशावास्यमिदं सर्वम् " से हुआ है, इसलिये इस उपनिषद् का नाम ईशावास्योपनिषद् पड़ा | यह उपनिषद् निष्काम कर्म का प्रतिपादन करता है | प्रस्तुत पुस्तक में उपनिषद् के मूल मन्त्र के साथ उसका अन्वय, सान्वय पदार्थ, सरलार्थ, प्रसंग और हिंदी व्याख्या भी दी गयी है, इससे इस उपनिषद् में निहित विषय को समझने में आसानी होगी | इस प्रकार यह पुस्तक छात्रों के साथ ही वेदान्त और अध्यात्मविद्या के अध्येताओं एवं जिज्ञासुओं के लिए भी अत्यन्त उपयोगी है |
An essential guide for anyone involved in agriculture. The book covers everything from modern techniques to sustainable practices. Highly recommended for both beginners and experts!