ध्रुवस्वामिनी
ISBN : 9789384379025
Release Year : 2014
Category : Pharmacy
Book Edition : (HB)
Author : 211
₹ ₹30.00
Shipment : Within Two Days
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विषय सूची - प्रसाद ने इस नाटक के माध्यम से एक ओर नारी जीवन से जुड़ी समस्याओं पर विहंगम दृष्टिपात किया है तो दूसरी ओर गुप्तकालीन इतिहास के उन धुंधले पृष्ठों को भी सामने लाने का प्रयत्न किया है जिसके बारे में अधिकांश इतिहासकार अनभिज्ञ हैं। अयोग्य शासक की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह, राष्ट्र सम्मान के लिए सर्वस्व न्योछावर की भावना, अक्षम और अपराधी शासक को दण्डित करने की मांग प्रसाद के समय अधिक ज्वलंत थे। प्रसाद ने इन भावों को भी प्रतिपादित करने का प्रयास किया है। परन्तु इसका मूल उद्देश्य नारी स्वातंत्र्य की मांग है। वर्तामन समय में नारी जागरण की जो बात कही जाती है प्रसाद ने उसे वर्षों पहले अनुभव कर लिया था और अपने नाटक में उसकी अभिव्यक्ति भी की थी। इस तरह इस नाटक को उद्देश्य की दृष्टि से अत्यंत ही सार्थक और प्रासंगिक कहा जा सकता है। वस्तुतः ध्रुवस्वामिनी नाटक प्रसाद का एक सफल नाट्य प्रयोग है। कथा और शिल्प दोनों ही दृष्टि से इसमें विशेष तरह की पूर्णता है। इसमें न तो ‘राज्यश्री’ और ‘अजातशत्रु’ जैसा बिखराव है और न ही ‘चन्द्रगुप्त’ जैसा विस्तार। घटनाएं, पात्र और परिस्थिति एक-दूसरे के पूरक बनकर आए हैं। पाश्चात्य शैली के अनुरूप इसमें संघर्ष और द्वंद्व को नाटकीय कौशल के रूप में स्वीकार किया गया है। अतः यह नाटक तत्वों के सुन्दर सुसामंजस्य की दृष्टि से प्रसाद की एक सफल कृति है।
An essential guide for anyone involved in agriculture. The book covers everything from modern techniques to sustainable practices. Highly recommended for both beginners and experts!